कारीगरी का नायाब नमूना है श्री पद्मनाभास्‍वामी मंदिर

[postlink]http://alertstrial.blogspot.com/2011/07/blog-post_02.html[/postlink]त्रिवेंद्रम स्थित श्री पद्मनाभास्‍वामी मंदिर अपनी भव्य स्थापत्य कला और ग्रेनाइट के स्तंभों की लंबी श्रृंखला के लिए मशहूर है। मंदिर के तहखाने के एक कमरे से एक टन सोना निकला है। इससे पहले इस मंदिर के दो चैंबर 1880 में खोले गए थे। इसमें हजारों साल पुराने सोने के सिक्के और 9 फुट लंबी सोने की चेन शामिल है। साथ ही बड़ी मात्रा में हीरे जवाहरात भी इसमें पाया गया है।


एक अनुमान के मुताबिक मंदिर के एक ही तहखाने से करीब 50 हजार करोड़ रुपये मूल्य का खजाना मिला है। अभी मंदिर का दूसरा तहखाना खोला जाना बाकी है। ऐसे में कहा जा रहा है कि इस दौलत के दम पर पद्मनाभा स्वामी मंदिर ट्रस्ट तिरुपति बालाजी ट्रस्ट को दौलत के मामले में पीछे छोड़कर देश का सबसे धनवान ट्रस्ट का खिताब हासिल कर सकता है। गौरतलब है कि तिरुपति बालाजी ट्रस्ट के पास करीब 50 हजार करोड़ की संपत्ति बताई जाती है।

पद्मनाभास्‍वामी मंदिर अपने खजाने को लेकर विवादों में है। 18 वीं शताब्दी में तत्कालीन त्रावणकोर राज्य के राजा मार्तंड वर्मा ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। अब इस मंदिर की देखभाल ट्रस्ट करता है। ट्रस्ट का कामकाज शाही खानदान के लोग देखते हैं।














SOURCE:DAINIK BHASKAR

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